- महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था। इस दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व पत्नी पार्वती की पूजा होती हैं। यह पूजा व्रत रखने के दौरान की जाती है। भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है
शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी ।
शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है. हालांकि शिवभक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधा अनुसार कभी भी ये पूजा कर सकते हैं.
शिवरात्रि की पूजा के लिए गन्ने का रस, कच्चा दूध, घी, दही, गंगाजल, धतूरा, बेलपत्र, भांग, धूप, पान के पत्ते, और दीपक समेत फल आदि सामग्री में इकट्ठे किए जाते हैं। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर दूध या पानी से अभिषेक किया जाता है ।
शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाएं। स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद अगर संभव है तो निर्जला व्रत का संकल्प लें ।फिर मंदिर जाकर शिवलिंग पर चल चढ़ाएं और शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें ।
शिवजी को पंचामृत अर्पित करें।जिसके बाद शिवलिंग पर फूल, धूप, फल, दीप समेत सारी पूजन विधि चढ़ाएं फिर भोग लगाएं और शिव मंत्रों का पाठ करें और सभी देव-देवताओं के साथ उनकी आरती उतारें ।
ऐसा माना जाता है इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था । इसके अलावा शिव जी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्ति हो सकती है। इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व है ।
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